"जैन पद्धति अनुसार सुबह कैसे उठना ?"
1. सर्वप्रथम अपने दोनों हाथों को मिलाकर उनके दर्शन करने चाहिए। चन्द्रमा रुपी सिद्धशिला के ऊपर विराजमान 24 तीर्थंकर की कल्पना कर उन्हें नमस्कार करना चाहिए।
2. परमात्मा की तरह हमारे भी सभी आठों कर्म क्षय ( ख़त्म ) हों, इस भावना से कम से कम 8 नवकार मन्त्र गिनने चाहिये।
3. नाक की जिस नली(Right or left) से श्वास अधिक आता हो, वह (right या left) पैर ज़मीन पर पहले रखना। यह स्वरोदय विज्ञान अनुसार है।
4. घर में इस प्रकार व्यवस्था करनी की सुबह उठते साथ कभी झाड़ू और जूते-चप्पल के दर्शन न हों ।
5. भगवान की प्रतिमा/फ़ोटो के आगे णमो जिणाणं कहकर गुरु की प्रतिमा / फ़ोटो के आगे विनयपूर्वक मत्थएण वंदामि कहना चाहिए
6. प्रातः काल वेला में यदि कोई शुभ स्वप्न देखा हो तो वह सीधे ही परमात्म प्रतिमा के समक्ष कह देना चाहिए। अशुभ स्वप्न देखे जाने पर मौनपूर्वक उसे भुला देना चाहिए।
7. अपने माता पिता के चरण स्पर्श करने चाहिए अथवा उनकी फ़ोटो के आगे शीश झुकाना चाहिए।
8. नवकारसी का पच्चक्खान अवश्य करना चाहिए। सूर्योदय से 48 मिनट तक कुछ न खाना पीना ही नवकारसी है जो बहुत ही आसानी से किया जा सकता है ।
9. सुबह उठने के साथ ही मोबाइल फ़ोन प्रयोग करना, टीवी देखना, समाचार पत्र पढ़ना आदि प्रवृत्तियों से परहेज़ रखना चाहिए। सुबह समय से उठ जाना चाहिए।
10. रोज़ सुबह यह विचार करना चाहिए की आज मुझे क्या क्या विशेष कार्य करना है। रात्रि में सोते समय विचार करना की आज मेरे द्वारा सोची गयी लिस्ट में से कितना काम ही मैं कर पाया। दिनभर में किये गए क्रोध एवं पापकार्य का विचार भी रात्रि विश्राम से पूर्व करना चाहिए।
( साध्वी प्रियधर्मा श्री जी म.सा. के प्रवचनों में से संग्रहित )
1. सर्वप्रथम अपने दोनों हाथों को मिलाकर उनके दर्शन करने चाहिए। चन्द्रमा रुपी सिद्धशिला के ऊपर विराजमान 24 तीर्थंकर की कल्पना कर उन्हें नमस्कार करना चाहिए।
2. परमात्मा की तरह हमारे भी सभी आठों कर्म क्षय ( ख़त्म ) हों, इस भावना से कम से कम 8 नवकार मन्त्र गिनने चाहिये।
3. नाक की जिस नली(Right or left) से श्वास अधिक आता हो, वह (right या left) पैर ज़मीन पर पहले रखना। यह स्वरोदय विज्ञान अनुसार है।
4. घर में इस प्रकार व्यवस्था करनी की सुबह उठते साथ कभी झाड़ू और जूते-चप्पल के दर्शन न हों ।
5. भगवान की प्रतिमा/फ़ोटो के आगे णमो जिणाणं कहकर गुरु की प्रतिमा / फ़ोटो के आगे विनयपूर्वक मत्थएण वंदामि कहना चाहिए
6. प्रातः काल वेला में यदि कोई शुभ स्वप्न देखा हो तो वह सीधे ही परमात्म प्रतिमा के समक्ष कह देना चाहिए। अशुभ स्वप्न देखे जाने पर मौनपूर्वक उसे भुला देना चाहिए।
7. अपने माता पिता के चरण स्पर्श करने चाहिए अथवा उनकी फ़ोटो के आगे शीश झुकाना चाहिए।
8. नवकारसी का पच्चक्खान अवश्य करना चाहिए। सूर्योदय से 48 मिनट तक कुछ न खाना पीना ही नवकारसी है जो बहुत ही आसानी से किया जा सकता है ।
9. सुबह उठने के साथ ही मोबाइल फ़ोन प्रयोग करना, टीवी देखना, समाचार पत्र पढ़ना आदि प्रवृत्तियों से परहेज़ रखना चाहिए। सुबह समय से उठ जाना चाहिए।
10. रोज़ सुबह यह विचार करना चाहिए की आज मुझे क्या क्या विशेष कार्य करना है। रात्रि में सोते समय विचार करना की आज मेरे द्वारा सोची गयी लिस्ट में से कितना काम ही मैं कर पाया। दिनभर में किये गए क्रोध एवं पापकार्य का विचार भी रात्रि विश्राम से पूर्व करना चाहिए।
( साध्वी प्रियधर्मा श्री जी म.सा. के प्रवचनों में से संग्रहित )
No comments:
Post a Comment