तपागच्छीय श्री वल्लभ सूरि जी समुदाय के समर्थ गच्छनायक आचार्य विजय नित्यानंद सूरीश्वर जी की आज्ञानुवर्तिनी विदुषी साध्वी चंद्रयशा श्री जी म. एवं साध्वी पुनीतयशा श्री जी म. आदि ठाणा 2
की पुण्य प्रभावक निश्रा में चैत्रमास की श्री नवपद जी की ओली की आराधना श्री कम्पिलपुरी तीर्थ (उत्तर प्रदेश) में मनाई जा रही है।
विशेष : तेरहवें तीर्थंकर श्री विमलनाथ जी के च्यवन, जन्म, दीक्षा एवं केवलज्ञान - ये 4 कल्याणक कम्पिलपुरी नगरी में हुए थे। चक्रवर्ती हरिषेण एवं चक्रवर्ती ब्रह्मदत्त भी यहीं उत्पन्न हुए थे। ऐतिहासिक दृष्टि से कम्पिल्यपुरी का बहुत महत्त्व है। यहाँ से अनेक प्राचीन प्रतिमाएं, प्रागैतिहासिक शिलालेख आदि प्राप्त होते रहते हैं।

आज सरलमना साध्वी चन्द्रयशा जी महाराज साहिब का जन्मदिवस भी है। साध्वी जी को वल्लभ वाटिका की तरफ से जन्मदिवस की बधाई देते हुए शासन देव से प्रार्थना करते है कि वह इसी प्रकार जिनशासन के कार्यों को करते रहे।
की पुण्य प्रभावक निश्रा में चैत्रमास की श्री नवपद जी की ओली की आराधना श्री कम्पिलपुरी तीर्थ (उत्तर प्रदेश) में मनाई जा रही है।
विशेष : तेरहवें तीर्थंकर श्री विमलनाथ जी के च्यवन, जन्म, दीक्षा एवं केवलज्ञान - ये 4 कल्याणक कम्पिलपुरी नगरी में हुए थे। चक्रवर्ती हरिषेण एवं चक्रवर्ती ब्रह्मदत्त भी यहीं उत्पन्न हुए थे। ऐतिहासिक दृष्टि से कम्पिल्यपुरी का बहुत महत्त्व है। यहाँ से अनेक प्राचीन प्रतिमाएं, प्रागैतिहासिक शिलालेख आदि प्राप्त होते रहते हैं।

आज सरलमना साध्वी चन्द्रयशा जी महाराज साहिब का जन्मदिवस भी है। साध्वी जी को वल्लभ वाटिका की तरफ से जन्मदिवस की बधाई देते हुए शासन देव से प्रार्थना करते है कि वह इसी प्रकार जिनशासन के कार्यों को करते रहे।