* कल्याणक तीर्थोद्धारक, शासन दिवाकर, पंजाब मार्तण्ड, गच्छाधिपति शांतिदूत जैनाचार्य श्री मद् विजय नित्यानंद सूरि जी म.सा, तप केसरी तपस्वी सम्राट आचार्य भगवन श्री मद् विजय वसंत सूरि जी म.सा आदि ठाणा 09 का 18 मार्च को जंडियाला गुरु में प्रवेश होगा। गोडवाड़ भूषण, ज्ञान प्रभाकर,स्वर्ण संत आचार्य श्रीमद् जयानन्द सूरी जी म.स. (भोले बाबा) जैतपुरा के पास हाथलाई में विराजमान है। दार्शनिक ज्योतिष सम्राट आचार्य श्री मद् विजय यशोभद्र सूरीश्वर जी म.सा आदि ठाणा श्री कावरा (छोटा उदयपुर) में विराजमान है।

Monday, 6 March 2017

गच्छनायक शांतिदूत गुरुदेव की दो वर्षों से गतिमान तपाराधना
अनुमोदना, अनुमोदना


50 वर्षों के संयम जीवन में जिनशासन की अपूर्व सेवा और प्रभावना कर रहे पंजाब केसरी गुरु वल्लभ समुदाय के गच्छनायक शांतिदूत आचार्यदेव श्रीमद् विजय नित्यानन्द सूरि जी महाराज साहेब का व्यक्तित्व और कृतित्व बड़ा ही प्रभावपूर्ण, प्रेरणादायी तथा प्रशंसनीय है।

सदा आत्मीय स्नेह - सद्भाव के सागर में आनंदमग्न रहकर शांत प्रशांत भाव से कार्यशील रहकर  रत्न त्रय की साधना में जो सतत् संलग्न हैं ऐसे उपकारी गुरुदेव पिछले 2 वर्षों से 10 द्रव्य सहित एकासना तप कर रहे हैं।

एकासना करने में कभी 3 बजे तो कभी 5 भी बज जाते हैं । कभी 30 km तो कभी 35 - 40 km भी विहार आदि करना होता है। किंतु अत्यंत शांत भाव से तपस्या करते हुए गुरुदेव जप - तप में लीन हैं।

ऐसे सौम्यमूर्ति गुरुदेव के चरणों में अनुमोदना पूर्वक कोटि कोटि वन्दन व तपस्या की साता पूछते हैं।


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