* कल्याणक तीर्थोद्धारक, शासन दिवाकर, पंजाब मार्तण्ड, गच्छाधिपति शांतिदूत जैनाचार्य श्री मद् विजय नित्यानंद सूरि जी म.सा, तप केसरी तपस्वी सम्राट आचार्य भगवन श्री मद् विजय वसंत सूरि जी म.सा आदि ठाणा 09 का 18 मार्च को जंडियाला गुरु में प्रवेश होगा। गोडवाड़ भूषण, ज्ञान प्रभाकर,स्वर्ण संत आचार्य श्रीमद् जयानन्द सूरी जी म.स. (भोले बाबा) जैतपुरा के पास हाथलाई में विराजमान है। दार्शनिक ज्योतिष सम्राट आचार्य श्री मद् विजय यशोभद्र सूरीश्वर जी म.सा आदि ठाणा श्री कावरा (छोटा उदयपुर) में विराजमान है।

Sunday, 5 March 2017

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   संत समागम संतों का स्वागत
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आँध्र प्रदेश में जब  पूज्य गच्छाधिपति गुरुदेव शांतिदूत जैनाचार्य विजय नित्यानंद सूरि जी महाराज के आगमन हुआ था तब वहाँ की स्थानीय तेलगु जनता ने भारतीय परंपरा का आदर्श उपस्थित कर गुरुदेव का भावभीना स्वागत किया था।

गुरुदेव ने कहा कि संत किसी धर्म जाति या संप्रदाय विशेष के नही होते । संत तो सबके होते हैं । संत सांझे होते हैं । यहां की स्थानीय तेलगु जनता के निवेदन पर गुरुदेव वहां चल रहे गणपति मंदिर में प्रतिष्ठा प्रसंग पर उपस्थित हुए और सभी को आशीर्वाद देकर शाकाहार जीवन पध्दति जीने का संदेश दिया। जैन धर्म , जैन संतों से अपरिचित यहां के तेलगु लोगों ने जैनाचार्य शांतिदूत गुरुदेव का पारंपरिक रीति से शहनाई ढोल बजाकर स्वागत किया।

आज गुरुदेव ने आंध्र प्रदेश की सीमा पूरी कर तेलंगाना राज्य में प्रवेश किया है।

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