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संत समागम संतों का स्वागत
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आँध्र प्रदेश में जब पूज्य गच्छाधिपति गुरुदेव शांतिदूत जैनाचार्य विजय नित्यानंद सूरि जी महाराज के आगमन हुआ था तब वहाँ की स्थानीय तेलगु जनता ने भारतीय परंपरा का आदर्श उपस्थित कर गुरुदेव का भावभीना स्वागत किया था।
गुरुदेव ने कहा कि संत किसी धर्म जाति या संप्रदाय विशेष के नही होते । संत तो सबके होते हैं । संत सांझे होते हैं । यहां की स्थानीय तेलगु जनता के निवेदन पर गुरुदेव वहां चल रहे गणपति मंदिर में प्रतिष्ठा प्रसंग पर उपस्थित हुए और सभी को आशीर्वाद देकर शाकाहार जीवन पध्दति जीने का संदेश दिया। जैन धर्म , जैन संतों से अपरिचित यहां के तेलगु लोगों ने जैनाचार्य शांतिदूत गुरुदेव का पारंपरिक रीति से शहनाई ढोल बजाकर स्वागत किया।
आज गुरुदेव ने आंध्र प्रदेश की सीमा पूरी कर तेलंगाना राज्य में प्रवेश किया है।
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