* कल्याणक तीर्थोद्धारक, शासन दिवाकर, पंजाब मार्तण्ड, गच्छाधिपति शांतिदूत जैनाचार्य श्री मद् विजय नित्यानंद सूरि जी म.सा, तप केसरी तपस्वी सम्राट आचार्य भगवन श्री मद् विजय वसंत सूरि जी म.सा आदि ठाणा 09 का 18 मार्च को जंडियाला गुरु में प्रवेश होगा। गोडवाड़ भूषण, ज्ञान प्रभाकर,स्वर्ण संत आचार्य श्रीमद् जयानन्द सूरी जी म.स. (भोले बाबा) जैतपुरा के पास हाथलाई में विराजमान है। दार्शनिक ज्योतिष सम्राट आचार्य श्री मद् विजय यशोभद्र सूरीश्वर जी म.सा आदि ठाणा श्री कावरा (छोटा उदयपुर) में विराजमान है।

Wednesday, 17 March 2021

।।श्री अजितनाथाय नमः।।
श्री आत्म वल्लभ समुद्र इन्द्रदिन्न नित्यानंद सद्गुरुभ्यो नमः।।

जंडियाला गुरु की धन्यधर पर 78 वर्ष पुराने गुरु मन्दिर - श्री आत्म वल्लभ स्मारक के जीर्णोद्धार , नवीनिकरण तथा अनेक नवनिर्माण कार्य सम्पन्न होने पर 18 अभिषेक , ध्वजारोहण , उद्घाटन विधान 17 एवं 18 मार्च 2021

सत्प्रेरणा , शुभ आशीर्वाद तथा पावन निश्रा :- पंजाब केसरी पूज्य गुरु वल्लभ समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति पूज्य आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय नित्यानंद सूरीश्वरजी म. उपस्थित श्रमण वृन्द पंन्यास प्रवर श्री धर्मशील विजय जी म. मुनि श्री मोक्षानंद विजय जी म. आदि ठाणा

गुरु मन्दिर का कार्यक्रम :- 17 मार्च को 18 अभिषेक 18 मार्च को पूज्य गच्छाधिपति जी का मुनिमण्डल सहित सुबह नगर प्रवेश गुरूमन्दिर - स्मारक में आगमन , सत्रह भेदी पूजा , ध्वजारोहण , गुरु समुद्र - इंद्र कक्ष, गच्छाधिपति विजय नित्यानंद सूरि कक्ष, आचार्य विजय जयानंद सूरि कक्ष, हीरा द्वार, हीरा हंस हॉल, कांता कीमती भोजनशाला का उद्घाटन तत्पश्चात धर्मसभा

साधर्मिक वात्सल्य सम्पूर्ण लाभार्थी :- संघवी हंसराज कीमती लाल रजनीश कुमार सजल कुमार जैन परिवार मैसर्स चांद ज्वेलर्स , जंडियाला गुरु

निवेदक :- श्री आत्मानन्द जैन सभा, श्री पार्शनाथ जैन सभा, जंडियाला गुरु

गुरु आत्म गुजरांवाला स्मारक हरिद्वार में ध्वजारोहण

हरिद्वार में गच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय नित्यानंद सूरीश्वर जी म., समुदायवडिल आ.श्रीमद् विजय वसन्त सूरीश्वरजी म. द्वारा प्रतिष्ठित गुरु आत्म के गुजरांवाला स्मारक की वर्षगांठ प्रसंगे ध्वजारोहण हुआ। स्मारक के निर्माता परिवार धर्मनिष्ठ उदारमना श्री रोशन लाल जी, सुधीर कुमार जी, श्रेणिक कुमार जी जैन परिवार लुधियाना ( खानगाडोगरा वालो) द्वारा शुभ मुहूर्त पर ध्वजा चढ़ाई गयी।
परिवार द्वारा भक्तिभाव पूर्वक महापूजन करवाया गया तथा स्मारक के बाहर जन जन के लिए लँगर लगाया गया।

37वां दीक्षा दिवस

फाल्गुन सुदि दूज को  साध्वी प्रीतिसुधा श्री जी म. के 37वें दीक्षा दिवस पर लहरा तीर्थ में काम्बली ओढ़ाते हुए गच्छाधिपति शांतिदूत जैनाचार्य श्री मद् विजय नित्यानंद सूरि जी म.सा




Wednesday, 26 December 2018

जनक जीवन प्रकाश (Result Out)

अध्यात्मयोगी आचार्य 
विजय जनकचन्द्र सूरि जी महाराज
के जीवन पर आधारित
ग्रन्थ के आधार पर आयोजित
Open Book Exam
का
परिणाम घोषणा

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जनक जीवन प्रकाश (Result)
Download

Friday, 16 November 2018

नूर ए पंजाब (परिणाम घोषणा)

आदर्श उपाध्याय श्री सोहन विजय जी महाराज
एवं
आदर्श प्रवर्तिनी साध्वी देवश्री जी महाराज
के जीवन पर आधारित
पुस्तकों के आधार पर आयोजित
Open Book Exam
का
परिणाम घोषणा

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Tuesday, 1 May 2018

चंडीगढ़ से माता श्री चक्रेश्वरी देवी जैन तीर्थ तक छरि पालित यात्रा संघ में भाग लेने हेतु आवेदन पत्र

पावन निश्रा :- पंजाब केसरी आचार्य विजय वल्लभ सूरि समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति शांतिदूत आचार्य श्रीमद् विजय नित्यानंद सूरि जी महाराज, ज्ञान प्रभाकर भोले बाबा आचार्य विजय जयानंद सूरि जी महाराज, साध्वी श्री प्रगुणा श्री जी महाराज आदि विशाल साधु साध्वी वृन्द

छरी पालित यात्रा संघ 11 जून 2018 से 15 जून 2018

आवेदन करने हेतु नीचे दिए गए Link पर क्लिक करें ...👇

👉 https://goo.gl/forms/n12xVfjtdTC5f9Kt1


Saturday, 24 February 2018

भव्य संक्रांति समारोह

*📝Full News By Vallabh Vatika*🖋🖊
कच्छ के आर्थिक पाटनगर गांधीधाम में
गांधीधाम स्थापना के दिन *भव्य संक्रांति समारोह तथा श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ चोक का लोकार्पण
कच्छ की धन्यधरा पर पंजाब केसरी आचार्य श्रीमद् विजय *वल्लभ सूरि समुदाय* के वर्तमान गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद् *विजय नित्यानन्द सूरीश्वर जी* म. सा आदि साधु साध्वीवृन्द के पदार्पण से ही धर्म की गंगा प्रवाहित हो रही है।
2 फरवरी को पार्श्व वल्लभ इन्द्र धाम से शाम को विहार करते हुए देशलपुर में गुरु भगवंतों की स्थिरता हेतु नूतन बनने वाले उपाश्रय हेतु भूमि पर वासक्षेप डाल कर गुरुदेव ने मंगल पाठ सुनाया ओर आशीर्वाद दिया। रात्रि स्थिरता *सामत्रा गांव* में किया। 11 वर्ष पहले यहां पर श्री कुंथुनाथ भगवान की प्रतिष्ठा गच्छाधिपति गुरुदेव ने ही सम्पन्न की थी। 3 फरवरी को *मानकुवा गांव में अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव* निमित्त भव्य प्रवेश हुआ । 7 फरवरी को ऐतिहासिक रूप से प्रभु प्रतिष्ठा सम्पन्न हुई और शाम को गुरुदेव विहार कर भुज में पधारे। अनेक गुरुभक्तों के घर पर चरण डालते हुए गुरुदेव वल्लभ विविध लक्षी संकुल में पधारे जहां पर बहुत बड़ी संख्या में भाविक लोग प्रवचन श्रवण हेतु उपस्थित थे । रात्रि 11 बजे तक प्रवचन* की अमिधारा में सभी ने आत्म स्नान किया। गुरुदेव ने सभी को गुरु वल्लभ के साधर्मिक उत्थान और संस्कार मुलक शिक्षण के क्षेत्र में कुछ ठोस कार्य करने हेतु प्रेरित किया। अगले दिन 8 फरवरी को सुबह भुज से विहार किया।
भुज से 8 फरवरी को सुबह विहार करते हुए गुरुदेव के हृदय में कच्छ के सुप्रसिद्ध *श्री भद्रेश्वर महातीर्थ* की यात्रा करने का प्रबल भाव था। किंतु विहार यात्रा में कुछ किलोमीटर ओर बढ़ रहे थे। आखिर निर्णय हुआ कि भले विहार थोड़ा अधिक होगा परंतु भद्रेश्वर होकर ही गांधीधाम जाएंगे। 
8 फरवरी को भुज से विहार करते हुए गुरुदेव सबसे पहले *माधापर संघ* में पधारे। संघ ने भव्य प्रवेश करवाया और प्रवचन लाभ लिया। वहां से गुरुदेव *वर्धमान नगर भुजोडी* पधारे। वहां पर भी भव्य प्रवेश हुआ।
वहां विराजित अंचलगच्छ के मुनि श्री कंचनसागर जी म. सा ओर स्थानकवासी परंपरा की महासती जी ने गुरुदेव के दर्शन वन्दन किये। वहां पर *श्री विमलनाथ भगवान* के जिनालय परिसर में ही *चार नूतन देहरिओं के साथ की भूमि पर स्नात्र हाल, *श्री घण्टाकर्ण देव मन्दिर* के *भूमिपूजन-खात* विधान हुए। जिनमंदिर के सामने की विशाल भूमि पर *श्री आत्म-वल्लभ जैन आराधना भवन* का भूमिपूजन-खात मुहूर्त सम्पन्न हुआ। बाद में धर्मसभा हुई।
9 फरवरी को सुबह वहां से विहार कर गुरुदेव भुज- भचाऊ मुख्य मार्ग पर *सिटी स्क्वायर टाउनशिप* में निर्मित तीर्थ *संकुल* में पधारे। वहां भी भव्य स्वागत सामैया हुआ। वहां पर 11 वर्ष पूर्व पूज्य गच्छाधिपति जी की निश्रा में भूमिपूजन हुआ था और कुछ ही वर्षों में तीर्थ निर्माण पूर्ण हुआ । जिसमें जिनालय, *श्री घण्टाकर्ण वीर देव* और कच्छ वागड़ के अनंत उपकारी आ.श्रीमद् *विजय कलापूर्ण सूरि जी* म.सा के गुरूमन्दिर की प्रतिष्ठा सम्पन्न हो चुकी है।


गुरु वल्लभ के गुरूमन्दिर की प्रतिष्ठा हेतु गुरुदेव का इंतजार था तो आज चतुर्विध श्रीसंघ की उपस्थिति में *गुरु वल्लभ की मूर्ति की भव्य प्रतिष्ठा सम्पन्न हुई।* वहां से दोपहर में विहार कर गुरुदेव भद्रेश्वर तीर्थ की ओर बढ़े।
10 फरवरी को सुबह *भद्रेश्वर जी पहुंचें* तो वहां भी स्वागत सामैया हुआ। परम गुरुभक्त श्री नवीन भाई लालन एक बस लेकर पधारे हुए थे। उन्होंने गुरुदेव के सान्निध्य में यहां *श्री पार्श्वनाथ पंच कल्याणक पूजा* का आयोजन किया। तीर्थ दर्शन कर सभी को खूब आनंद की अनुभूति हुई।
*ज्ञात रहे यहां पर प्रभु पार्श्व के समय श्री कपिल केवली ने प्रभु पार्श्व की जिस प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की थी वो इस तीर्थ में अभी भी विराजमान है। मूलनायक श्री महावीर स्वामी भगवान की भी प्रभाविक प्रतिमा है। 2001 में आये भूकम्प के 4 वर्ष बाद सम्पूर्ण जिनमंदिर नया बनाया गया। पुराना जिनमंदिर जो कि भूकम्प से क्षतिग्रस्त हुआ था उसको उतारते समय जमीन में से सैकड़ों खंडित प्रतिमाएं प्राप्त हुई जो कि कभी मुसलमानी आक्रमण के शिकार हुई थी। गौरवशाली जैन युग की उन हजारों वर्ष प्राचीन खंडित प्रतिमाओं के दर्शन कर मन व्यथित सा हुआ। फिर गुरुदेव यहां के सेठ जगड़ूशाह के पुराने सात मंजिला महल को देखने गए जो कि भूमि में दब चुका था और खंडहर ही शेष है।*
वहां से शाम को विहार करके अगले दिन सुबह *आदिपुर गांव* में पहुंचें। जहां पर *माकपट उद्धारिका साध्वी समता श्री जी म.सा* प्रवर्तिनी साध्वी जगत श्री जी म.सा प्रवर्तिनी साध्वी हेमलता श्री जी म.सा तथा साध्वी हितप्रज्ञाश्री जी म.का सांसारिक परिवार रहता है। भले ये जाति से आहिर हैं किंतु कर्मणा तो पक्के जैन हैं। *उन्होंने बताया कि खेती के समय हम साध्वी समता श्री जी का नाम लेकर एक नारियल चढ़ाते हैं तो हमारी फसल को कीड़ा नही लगता। हमे कीटनाशक नही छिड़कना पड़ता । इतनी कृपा हम पर गुरु वल्लभ ओर साध्वी जी की है।*
वहां से गुरुदेव *नाकोड़ा सोसाइटी* में पधारे। संघ ने स्वागत किया, प्रवचन हुआ। संघ ने कहा कि भूकम्प के समय जिनके घर पूरे टूट गए उन सभी के लिए ये नगर बसाया गया। वहां से गुरुदेव गांधीधाम के *ओसलो* क्षेत्र में पधारे ओर रात्रि स्थिरता की।
12 फरवरी को सुबह सकल संघ गुरुदेव के नगर प्रवेश के लिए तैयार था। खूब भावोल्लास पूर्वक प्रवेश सम्पन्न हुआ। सकल संघ ने नवकारसी की। बाद में *गच्छाधिपति गुरुदेव की प्रेरणा से निर्मित मंगल कलश, अष्ट मंगल और जैन चिन्ह युक्त चोक का चतुर्विध श्रीसंघ के साथ गुरुदेव की निश्रा में श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ चोक के नाम के रूप में लोकार्पण हुआ।* लोकार्पण विधि *महापौर श्रीमती मालती बेन माहेश्वरी ओर उपमेयर श्रीमती गीता बेन गणत्रा, श्री कान जी भाई भार्या के करकमलों से सम्पन्न करवाई गई।*
वहां से सभी संक्रांति समारोह स्थल के विशाल मण्डप में पहुंचें। गुरु वल्लभ ओर गुरु नित्यानन्द के बेनरों से मण्डप को सजाया गया था। गुरुवंदन ओर मंगलाचरण से समारोह का शुभारंभ हुआ। प्रातः कालीन दोनो संक्रांति भजन लुधियाना जैन *संक्रांति मण्डल के संस्थापक प्रधान श्री प्रवीण जैन* ने गाए। इस अवसर पर गुजरात के *मंत्री श्री वासन भाई आहीर, सांसद श्री विनोद भाई चावड़ा, BJP के जिलाध्यक्ष श्री केशुभाई पटेल, कच्छ जिला पंचायत प्रमुख श्रीमती कौशल्या बेन माधापरिया भुज की विधायक श्रीमती नीमा बेन आचार्य* आदि अनेक राजनीतिक अधिकारी भी उपस्थित हुए।
यहां के सातों संघों के संयुक्त संगठन बृहद गांधीधाम जैन समाज के प्रमुख श्री चंपा लाल जी पारेख ने गुरु भगवंतों व सभी अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में गुरुदेव का आशीष प्राप्त करने हेतु अंचलगच्छ के अग्रणी श्री मितेश भाई धर्मशी
खरतरगच्छ के श्री घेवरचंद जी नाहटा, स्थानकवासी समाज के श्री भीखचन्द जी श्री अमर चन्द जी, श्री रोहित भाई शाह, तेरापंथ समाज के श्री नरेन्द्र भाई संघवी भी उपस्थित थे।
तपगच्छ जैन संघ द्वारा आयोजित इस समारोह में भुज ओर अन्य क्षेत्रों से 6 बसें व कई गाड़िएं भरकर पहुंचीं। देशभर से भी बड़ी संख्या में गुरूभक्तगण पहुंचें। महिला मंडल व संगीतकार के भजनों से महोल भक्तिमय हुआ। सभी के बहुमान किये गए। *मंत्री महोदय ने गुजराती, मारवाड़ी, इंग्लिश ओर हिंदी सभी भाषाओं में अपना वक्तव्य दिया और कहा जैन धर्म और सन्तों के तप त्याग से ही जगत का उद्धार हो रहा है।*
मुनि श्री मोक्षानंद विजय जी म.सा तथा गच्छाधिपति गुरुदेव के प्रवचन का रसपान करते हुए जनसमूह समय का भी भान भूल गया। 12 बजे से पहले ही जनता उठ उठ निकलने लगती है किंतु स्थानीय लोगों तो अति आश्चर्य हुआ कि जब संक्रांति कार्यक्रम में दोपहर 3 बजे तक किसी ने उठने का नाम नही लिया।
*शासन सुरभि तथा श्रावकरत्न पदवी से किया अलंकृत*
कच्छ जैसे दूरगामी क्षेत्र में जैन शासन की प्रभावना करने वाली पंजाब केसरी आचार्य श्रीमद् विजय वल्लभ सूरि समुदाय की पुण्यमूर्ति, माकपट उद्धारिका साध्वी समता - जगत - हेमलता श्री जी म.की शिष्या *व्यवहारदक्षा, कार्य कुशला साध्वी प्रज्ञलताश्री जी म.सा* को गच्छाधिपति आ.श्रीमद् विजय नित्यानन्द सूरि जी म.सा ने गांधीधाम में संक्रांति की विशाल सभा मे *शासन सुरभि* के पद से अलंकृत किया।
साथ ही श्री पार्श्व वल्लभ इन्द्र धाम के प्रमुख, सूझ बूझ के धनी, धैर्य और श्रम की मूर्ति, *माकपट समाज के गौरव श्री वीरसेन भाई को श्रावकरत्न पद से अलंकृत किया।* सकल चतुर्विध श्रीसंघ ने गुरुदेव द्वारा प्रदत्त इस शुभ अलंकरण घोषणा का अनुमोदन किया। गांधीधाम जैन संघ, माकपट जैन समाज, पंजाब के गुरुभक्तों की ओर से श्रावकरत्न श्री वीरसेन भाई का सम्मान किया गया और गच्छाधिपति जी ने साध्वी जी को काम्बली प्रेषित की।
गुरुदेव की ओर से *मुनि श्री मोक्षानंद विजय जी* ने कहा कि गांधीधाम में इस वर्ष सामूहिक वर्षीतप की आराधना हो इस पर संघ विचार करे । संघ ने भी गुरुदेव की इस भावना को पूरा करने का आश्वासन दिया।
संक्रांति की अविस्मरणीय छाप सभी के हृदय पर अंकित हो गयी। गुरु वल्लभ के जीवन से सभी प्रभावित हुए। अंत मे संक्रांति स्तोत्र हुए और संक्रांति नाम का प्रकाश किया गया।
शाम को गुरुदेव ने गांधीधाम से राजस्थान हेतु विहार किया।

संक्रांति नाम


पंजाब  केसरी आचार्य श्रीमद् विजय वल्लभ सूरि जी समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति शांतिदूत जैनाचार्य श्रीमद् विजय नित्यानंद सूरि जी महाराज साहिब के मुखारविंद से....


Sunday, 28 May 2017

*आचार्य पदवी प्रदान रत्नत्रयी महोत्सव*

_द्वितीय दिवस : 28 मई 2017_
शांतिदूत गच्छनायक आचार्य विजय नित्यानंद सूरीश्वर जी आदि श्रमण श्रमणी वृन्द की निश्रा में *गुरुदेव श्रीजी के प्रथम शिष्य तत्त्वचिंतक पंन्यासप्रवर श्री चिदानंद विजय जी म.* की आचार्य पदवी निमित्त श्री विजय वल्लभ साधना केंद्र, जेतपुरा (राज.) में रत्नत्रयी त्रिदिवसीय महोत्सव के अंतर्गत आज
प्रातः काल मूलनायक श्री सम्भवनाथ परमात्मा का भव्य केसर अभिषेक आयोजित हुआ। प्रभुभक्ति में संलग्न होकर श्रावक श्राविकाओं ने अपनी प्रसन्नता अभिव्यक्त की।
दोपहर में गणधर श्री जी गौतम स्वामी महापूजन का आयोजन किया गया। विधिकारक श्री कल्पेश भाई ने भक्तियोग में सभी को भाव विभोर करते हुए सूरिमंत्र में विशेष साध्य - श्री गौतम स्वामी जी की महिमा का वर्णन किया।
शाम को मेहंदी का कार्यक्रम हुआ। श्राविका वर्ग ने प्रभु भक्ति, गुरुभक्ति का अपूर्व रंग जमाते हुए संध्या को यादगार शाम में परिवर्तित हो गया। सभी के पुरजोर आग्रह से गच्छाधिपति गुरुदेव और पंन्यास गुरुदेव मांगलिक देने हेतु पधारे। सभी जनों के मार्मिक शब्दों से समां भावुक हो गया। पंन्यास जी ने आंखे झुकाकर मौनपूर्वक समभाव से सभी के अभिवादन को स्वीकार किया।
शिवपुरी, दिल्ली, लुधियाना, जयपुर, अम्बाला, मुम्बई, फालना, रानी, खौड़, पाली आदि अनेक शहरों से गुरुभक्त पधारे। पंन्यासप्रवर श्री चिदानंद विजय जी के आचार्य पदवी पर आरूढ़ होने से भक्तों में अत्यंत हर्षोल्लास था।
कल सुबह 8:30 बजे से सुविशाल जनमेदिनी की साक्षी में आचार्य पदवी प्रदान का ऐतिहासिक महोत्सव आयोजित होगा।
*आचार्य पदवी प्रदान विधि-आचार के अंतर्गत विशेष बातें*
• वडील गुरुभगवंत नूतन आचार्य को महाप्रभावक _सूरिमंत्र_ प्रदान करते हैं जिसकी साधना नूतन आचार्य भगवंत करते हैं
• इस अवसर पर 700 गाथायुक्त श्री नंदिसूत्र आगम का सम्पूर्ण वांचन वडील गुरुभगवंत अपने श्रीमुख से करते हैं।
• परंपरा अनुसार आचार्य पदवी देने वाले वडील गुरु भगवंत भी नूतन आचार्य को वन्दन करते हैं।
।। णमो आयरियाणं ।।

Sunday, 21 May 2017

*🙏 भावभरा आमंत्रण 🙏*


*_आसक्ति से अनासक्ति की ओर_*
*_संसार से संन्यास की ओर"_*
*_राग से विराग की ओर_*
*_संस्कृति से प्रकृति की ओर_*


श्री विजय वल्लभ सूरि जी समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद् विजय नित्यानंद सूरीश्वर जी के आज्ञानुवर्ती
*जैनसाइट प्रणेता मुनि श्री भाग्यचंद्र विजय जी आदि ठाणा 2 एवं साध्वी शीलधर्मा श्री जी आदि ठाणा 4*
की शुभ निश्रा में दिनांक 27 मई 2017 को धर्म नगरी चेन्नई में वेपेरी मध्य गौतम किरण में आनंद (गुजरात) निवासी
*_मुमुक्षु अखिलकुमार जैन की दीक्षा_* प्रसंगे
*🙏भावभरा आमंत्रण🙏*
_दीक्षा धर्म नो जयजयकार_
_दीक्षार्थी नो जयजयकार_